पाठ -1 कंप्यूटर परिचय
computer वह मशीन है जिसने सारे जगत में क्रांति ला दी है।
आज के युग में छात्र कंप्यूटर, इन्टरनेट, मोबाइल, इ-मेल इत्यादि के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते ।
"कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसमे डाटा input देने के पश्चात कुछ प्रोसेसिंग होती है और प्रोसेसिंग होने के उपरान्त output मिलता है। " कंप्यूटर विद्युत ऊर्जा (Electric Power) पर निर्भर है।
कम्प्यूटर hardware और software का एक मिश्रण होता है जिसके द्वारा कार्य अत्यंत सुगम और त्रुटि रहित हो जाता है।
Hardware: कंप्यूटर के भौतिक इलेक्ट्रॉनिक पुर्जी को hardware कहा जाता है जैसे- कीबोर्ड, CPU, मॉनिटर, प्रिंटर इत्यादि ।
Software: ये एक प्रकार के अभिलिखित निर्देश अथवा programs होते हैं जो कंप्यूटर की गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं।
इस अध्याय में हम कंप्यूटर निकाय के समस्त भागों और उनके कार्यों के बारे में पढ़ेंगे ।
कंप्यूटर का संगठन
कंप्यूटर सदैव IPO चक्र का पालन करता है (input process output) कंप्यूटर एक निश्चित input को प्रोसेस करके एक विशेष output प्रदान करता है। एक कंप्यूटर की संरचना में कई कंपोनेंट्स होते हैं जैसे- CPU (ALU, Registers, Control Unit), Memory, input unit, output unit, Storage unit इत्यादि ।
Input इकाई- कंप्यूटर से जुड़े हुए input उपकरणों के द्वारा input इकाई बनती है । Input इकाई की ज़िम्मेदारी होती है की वह input ले और उसे कंप्यूटर के द्वारा समझने लायक निर्देशों में बदले | प्रत्येक प्रकार के डाटा की लिए विभिन्न input devices का प्रयोग किया जाता है । कुछ input devices निम्न हैं –Keyboard, Camera, Mouse, Bio metric, Scanners ,Microphone, Touch Screen Panel, Joy-stick, OMR, BCR, Touch Pad, Track Ball, MICR, Light Pen, Scanner
Output इकाई - कंप्यूटर से जुड़े हुए output उपकरणों के द्वारा output इकाई बनती है । Output इकाई की ज़िम्मेदारी होती है की वह processing के पश्चात output प्रदान करे। प्रत्येक प्रकार के डाटा की लिए विभिन्न output devices का प्रयोग किया जाता है । कुछ output devices निम्र हैं – Monitor, Projector, Printer, Plotter, Speaker
CPU - CPU का पूरा नाम Central processing unit
CPU कंप्यूटर की मुख्य नियंत्रण इकाई तथा क्रियान्वयन इकाई होती है जहाँ समस्त गणनाएं संपन्न होती हैं।CPU को कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है क्योंकि यह कंप्यूटर के समस्त कार्यों का निर्देशन, मार्गदर्शन, नियंत्रण करता है।
CPU के कुछ अन्य उपभाग होते हैं
Arithmatic logic unit (ALU) यह गणितीय और तार्किक गणनाएं संपन्न करता है
Control unit (CU) यह प्रत्येक कार्य को नियंत्रित और निर्देशित करता है।
Registers ये वो स्थान हैं जहाँ डाटा को थोड़ी देर के लिए store किया जाता है ताकि गणना सही से हो सके।
Main Memory - Memory को प्रायः Primary मेमोरी भी कहा जाता है। यह मानव के मेमोरी जैसी नहीं होती है क्योंकि यह थोड़ी अवधि के लिए कंप्यूटर में रहती है उसके पश्चात इसमें store डाटा विद्युत का संचार रुकते ही साफ़ हो जाता है। जिसे बाद में प्राप्त नहीं किया जा सकता । इसे volatile मेमोरी भी कहते हैं। यह कंप्यूटर का कार्यक्षेत्र होता है जहाँ प्रोसेसिंग के लिए डाटा को अस्थाई रूप से रखा जाता है। प्रत्येक मेमोरी लोकेशन का एक पता (Address) होता है ।
Memory की सबसे छोटी इकाई bit होती है।
8 bit = 1 byte
1024 byte = I Kilobyte
1024 Kilobyte = 1 Mega byte
1024 Megabyte = 1 Giga byte
1024 Gigabyte = 1 Terra byte
1024 Terra byte = 1 Peta byte
1024 Petabyte = 1 Exabyte
1024 Exabyte = 1 Zetta byte
Data के मेमोरी से access होने की शुरुआत से लेकर, डाटा के पूर्णतया उपलब्ध होने तक के लगे समय को Memory Access Time कहते हैं । Memory के प्रकार
* Main Memory को दो प्रकारों में विभक्त किया गया है- RAM (Random Access Memory), ROM (Read Only Memory) वह memory जो सीधे CPU के संपर्क में रहती है उसे primary memory कहते हैं | RAM और ROM दोनों ही CPU के सीधे संपर्क में रहती हैं।
RAM- RAM में किसी भी इच्छित मेमोरी लोकेशन से memory cells को access कर सकते हैं। मेमोरी और इसके environment के मध्य संपर्क data input, output lines, address lines, control, lines के द्वारा किया जाता है जिसमे स्थानांतरण की दिशा बताई जाती है । RAM की सिर्फ एक कमी है की यह volatile memory है | RAM के दो प्रकार होते हैं
Dynamic RAM (DRAM), Static RAM (SRAM)
RAM के बिना प्रोसेसिंग की कल्पना नहीं की जा सकती । RAM का आकार जितना बड़ा होगा प्रोसेसिंग उतनी तेज़ होगी |
RAM में read और write दोनों operation संभव हैं ।
DRAM - DRAM वास्तव में transistor और capacitor का बना होता है जोकि इलेक्ट्रिक charge को संग्रहीत (store) कर सकते हैं। Transistor की switching के अनुसार capacitor या तो कोई charge नहीं रखता (0 bit) अथवा charge रखता है (1 bit) | आजकल के DRAM chip का memory access time 20 से 70 nanoseconds का होता है । DRAM का संग्रहण घनत्व (storage density) 10 से 100 Giga bits तक होती है। DRAM को बार बार refresh करना होता है जिसके लिए processor को मशक्कत करनी पड़ती है।
SRAM - SRAM, internal Flip-Flop की बनी होती है जहाँ 1 Flip-Flop 1 bit को संग्रहीत करने में सक्षम होता है । आकार में यह DRAM से ज्यादा जगह घेरती हैं। DRAM की अपेक्षा अधिक तेज़ होती हैं । SRAM की कीमत DRAM की तुलना में अधिक होती है ।
ROM जैसा की नाम से ही पता चल्तःई की ये मेमोरी सिर्फ read operation को ही क्रियान्वित कर सकती हैं। इसे hardware बनाते समय सदा के लिए निर्मित कर दिया जाता है और इसकी मेमोरी में जो भी store करना होता है वह सदा के लिए store रहता है जिसे बाद में बदला नहीं जा सकता | ROM का प्रयोग उन परिस्थितयों में किया जाता है जब पता हो की सूचना को कभी भी बदला नहीं जाना है । ROM के निम्न प्रकार होते हैं - ROM (Read Only Memory)
EPROM Erasable Programmable Read-Only Memory
EEPROM Electrically Erasable Programmable Read-Only Memory
PROM (Programmable Read Only Memory)
EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
EEPROM(Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)
Storage Unit - Computer में डाटा को store करके भविष्य में उन्हें वापस पाकर प्रोसेस करने की अत्यंत आवश्यकता होती है । चूँकि primary मेमोरी की अपनी बंदिशें हैं अतः storage unit अथवा secondary storage की अत्यंत आवश्यकता होती है । Secondary storage को बड़ी बड़ी मात्रा में डाटा को संग्रहीत करने के लिए प्रयोग किया जाता है । आजकल विभिन्न प्रकार की secondary storage उपकरण बाज़ार में उपलब्ध हैं - Hard disk (Internal/External), SSD, Pen drive CD, DVD, Blue Ray Disks, Memory Cards ,Magnetic Tapes SarDisk SanDisk
System Bus- Computer system के मुख्य पुर्जों को जोड़ने वाले तारों के समूह को system बस कहते हैं जो की डाटा के ट्रान्सफर हेतु इलेक्ट्रॉनिक रास्ता बनाते हैं। System bus के द्वारा कंप्यूटर सिस्टम के components के मध्य डाटा तथा निर्देश का आदान प्रदान होता है।
System bus का डाटा ले जाने वाला भाग Data Bus कहलाता है ।
System bus का नियंत्रण निर्देश लेजाने बाला भाग control bus कहलाता है |
System bus का memory address ले जाने वाला भाग Address Bus कहलाता है।
input/output उपकरणों से जुडी बस को I/O bus कहा जाता है।
Mobile System Organisation - आधुनिक मोबाइल system हांथों में एक प्रकार नन्हा कंप्यूटर होता है। कंप्यूटर की तुलना में इनकी प्रोसेसिंग की क्षमता कम ही होती है मोबाइल के द्वारा हम विभिन्न कार्य कर सकते हैं जैसे- रेडियो सिग्नल के द्वारा कॉल लगाना | कैमरा की सेवायें लेना, टच स्क्रीन का प्रयोग करके विभिन्न apps पर कार्य करना । विडियो देखना | ऑडियो सुनना |गेम खेलना इत्यादि मोबाइल में पॉवर बैटरी से मिलती है।
Mobile Processor यह smartphone का दिमाग होता है। यह कमांड ग्रहण करके तुरंत क्रियान्वित करता है
इसके मुख्यतः 2 sub-processor होते हैं -
Communication Processing Unit -यह मोबाइल set पर कॉल को लगाने और receive करने में मदद करता है। इसके पास एक digital signal processor होता है जो RF Transceiver तथा Audio subsystem के साथ कार्य करता है।
Application Processing Unit (APU) यह मोबाइल के समन्त operations को नियंत्रित करने में सहायक होता है जिसके दारा विभिन्न applications की प्रोसेसिंग की जाती है। इसका एक और अन्य सहायक होता है GPU (Graphics) Processing Unit) जोकि समस्त प्रकार के ग्राफिकल applications को और मोवाइल के visuals को handle करता है।
आजकल मोबाइल के मुख्य पुर्जे एक ही chip पर लगा दिए जाते हैं जिसे system on a chip (SoC) कहा जाता है। इसमें कम ऊर्जा खपत होती है।
Mobile Display sub-system- यह display से सम्बन्धित कार्यों के लिए और टच स्क्रीन की सक्रियता के लिए ज़िम्मेदार होता है। यह निम्र कार्यों का समर्थन करता है- Display Screen
Touch Sensitive Interface
Touch Sensitive keyboard
Camera sub-system यह इमेज signal प्रोसेसिंग पर आधारित होता है
यह निस्र कार्य करता है जैसे- Instant Image Capture, High Resolution Support, Image Stabilization, Other image enhancements
Mobile system memory यह दो प्रकार की होती है
RAM यह 2 GB, 4 GB, 6 GB, 8 GB तक उपलब्ध है
ROM यह 16 GB, 32 GB, 64 GB, 128 GB तक उपलब्ध है।
Mobile Storage- यह external storage होती है तथा इसे expendable memory भी कहते हैं। यह SD cards और micro SD Cards के रूप में उपलब्ध है।
Mobile Power Management Subsystem यह subsystem मोबाइल को पॉवर पहुंचने के लिए कार्य करता है। प्रत्येक मोबाइल एक इससे जुडी हुई बटरी से पॉवर ग्रहण करके कार्य करती है। * इसकी पॉवर सीमित होती है। इसके लिए इस system में बैटरी को charge करने की व्यवस्था होती है
Software एक प्रकार का programs का समूह होता है जो कि किसी निश्चित कार्य के लिए बनाया गया है। * बिना software कोई भी hardware कार्य नहीं कर सकता । * यह hardware और user के मध्य एक अंतराफलक (interface) का कार्य करता है जिसके माध्यम से user किसी hardware को निर्देशित कर सकता है। Software